MOLDING SAND
मोल्डिंग सैंड का मुख्य स्रोत नदियां ,समुद्र,झील,रेगिस्तान,पहाड आदि है।
भारत में मोल्डिंग सैंड के निम्न स्रोत है।
1. बटाला सैंड पंजाब
2. गंगा सैंड उत्तर
प्रदेश
3. दामोदर सैंड
बिहार और बंगाल बॉर्डर
4. लोढ़ा सैंड मुंबई
मोल्डिंग सैंड दो प्रकार की होती होती है.
1. प्राकृतिक सैंड
2. सिंथेटिक सैंड
3. नेचुरल सैंड में पर्याप्त बाइंडर पदार्थ पाए जाते है.
जबकी सिंथेटिक सैंड को
बनाने के लिए अलग से निम्न पदार्थो का प्रयोग किया जाता है.
1. सिलिका सैंड (88-92%)
२. बाइंडर (6-12%)
३. नमी (३-6%)
ये सभी एक निश्चित
मात्रा में मिलाये जाते है ताकि अच्छे से आपस में मिल जाए.
CONSTITUENTS OF MOLDING SAND
Silica sand- सिलिका सैंड दानेदार क्वार्ट्ज़ के रूप में होती है और मोल्डिंग सैंड में मिलाई
जाती है जो सैंड में आवश्यक रेफेक्टरी गुण को विकसित करते है. इसमें इम्पैक्ट
स्ट्रेंथ, स्थिाइत्व,परमेबिलिटी आदि
गुण भी पाए जाते है।लेकिन सिलिका के साथ कुछ मात्रा में आयरन ऑक्साइड,एलुमिना,लाइम स्टोन,मैग्नीशिया,सोडा और पोटाश भी पाया जाता है।सिलिका सैंड को ग्रेन साइज
और आकार के आधार पर विभाजित किया जाता है।
Binder (बाइंडर)-
बाइंडर आर्गेनिक या
इनऑर्गेनिक पदार्थ हो सकते है। इनऑर्गेनिक बाइंडर में क्ले, सोडियम सिलिकेट और पोर्ट लैंड सीमेंट आता है। फॉउंडरी शॉप में
क्ले बाइंडर के रूप में प्रयोग किया जाता है, जिसे Kaolinite, Ball Clay, Fire
Clay, Limonite, Fuller’s earth and Bentonite भी कहते है।
आर्गेनिक ग्रुप के बाइंडर में dextrin, molasses, cereal binders, linseed oil and resins like phenol formaldehyde, urea formaldehyde आते है। आर्गेनिक ग्रुप के बाइंडर को “कोर” बनाने के लिए प्रयोग करते है।
Moisture (नमी)-
मोल्डिंग सैंड में नमी 2 से 8% तक पाई जाती है।नमी को
क्ले और सिलका सैंड के बीच बंध बनाने के लिए मिलाया जाता है।नमी की मात्रा बढ़ने के
साथ साथ सैंड की परमीबिलिटी काम होने लगती है। इस मात्रा को
क्ले और सिलिका के मिक्सचर में मिला दिया जाता है । पानी की यह मात्रा क्ले में
मिलाने से क्ले के बीच के छिद्र को बंद कर देता है।इस प्रकार क्ले और पानी की वजह
से परमाबिलिटी घटती जाती है।और ग्रीन कम्प्रेस्सिव स्ट्रेंथ
पहले तो बढती और फिर क्ले
की एक निश्चित मात्रा के बाद बढ़ाना बंद हो जाती है, और फिर घटना सुरु हो जाती है।
Additives
Additive ऐसे पदार्थ है जिनको
मोल्डिंग सैंड और कोर सैंड में कुछ विशेष गुणों को उत्पन्न करने के लिए मिलाया
जाता है।
कुछ मुख्य Additive पदार्थ निम्न है। coal dust, corn
flour, dextrin, sea coal, pitch, wood flour, silica
flour.
Coal
Dust
Coal dust का प्रयोग रेडूसिंग
वातावरण बनाने के लिए किया जाता है। इसका प्रयोग ग्रे कास्ट
आयरन के निर्माण में किया जाता है।
Corn
Flour
कॉर्न फ्लौर एक प्रकार का कार्बोहायड्रेट है जो स्टार्च
परिवार से सम्बंधित है।यह मोल्डिंग सैंड और कोर सैंड की collapsibility को बढ़ता है ।उष्मा की
उपस्थिति में यह जल जाता है और जलने की वजह से सैंड के काणो के बीच जगह खली हो
जाती है। जिसकी वजह से सैंड के कण स्वतंत्रता पूर्वक
विस्थापित हो सकते है, जिसकी वजह से मोल्ड के आकार में होने वाली वृद्धि रुक जाती है और किसी
प्रकार का कास्टिंग डिफेक्ट (defect)उत्त्पन्न नहीं होता है।
Dextrin
डेक्सट्रिन भी स्टार्च परिवार का कार्बोहायड्रेट है यह भी
कॉर्न फ्लौर की तरह कार्य करता है।यह मोल्ड की ड्राई स्ट्रेंथ को बढ़ा देता है ।
Sea
coal
यह एक परिस्कृत कणो वाला बिटुमिनस कोयला है जो मोल्डिंग
सैंड और कोर सैंड में मिश्रित सिलिका सैंड के बीच के खली जगह में भर जाता है।
इस वजह से, रेत के दाने अपनी जगह पर
प्रतिबंधित हो जाते हैं और घने पैटर्न पैकिंग में नहीं जा सकते। इस प्रकार, समुद्री कोयला मोल्ड
दीवार में किसी तरह का विस्थापन और मोल्ड और कोर रेत में पारगम्यता कम कर देता है
और इसलिए मोल्ड और कोर सतह को साफ और चिकना बनाता है।
Pitch
पिच नरम कोयले का आसुत रूप है। यह मोल्ड और कोर रेत में 0.02% से 2% तक जोड़ा जा सकता है। पिच
गर्म ताकत बढ़ाती है, मोल्ड सतहों पर परिस्कृति बढाती है और sea coal के समान व्यवहार करती है।
Wood
flour
लकड़ी का आटा (wood flour) एक रेशेदार सामग्री है जो रेत जैसी दानेदार सामग्री के साथ
मिश्रित होती है। लकड़ी का आटा (wood flour) अपेक्षाकृत लंबे पतले तंतु होते हैं जो रेत के
दानों को एक दूसरे से संपर्क बनाने से रोकते हैं। लकड़ी का आटा (wood flour) मोल्ड और कोर रेत में 0.05% से 2% के बीच जोड़ा जा सकता है। लकड़ी का आटा गर्म
होने पर वाष्पशील हो जाता है, जिससे रेत के दाने फैलते है। लकड़ी का आटा (wood flour) मोल्ड
दीवार के विस्थापन को बढ़ाएगा और विस्तार दोषों को कम करेगा। लकड़ी का आटा भी
मोल्ड और कोर दोनों की संपार्श्विकता (collapsibility) बढ़ाता है।
Pulverized
Silica or Silica flour
सिलिका के आटे को स्पंदनयुक्त सिलिका कहा जाता है। Pulverized सिलिका को आसानी से 3% तक जोड़ा जा सकता है जो गर्म शक्ति को बढ़ाता है और मोल्ड्स
और कोर की सतहों को परिस्कृत करता है। यह सांचों और कोर की दीवारों में धातु की
पैठ (penetration) को भी कम करता है।
Molding
sand
मोल्डिंग सैंड की प्राप्ति निम्न स्थानो से की जाटी है।
1.
River bed
2. Sea
3. Lakes
4. Desert
Type of
Molding sand
मोल्डिंग रेत को उनके उपयोग के अनुसार वर्गीकृत किया जा
सकता है जो नीचे वर्णित हैं।
1. Green sand
2. Dry sand
3. Loam sand
4. Synthetic sand
5. Core sand
6. Parting sand
7. Facing sand
8. Backing sand
Green
Sand
ग्रीन सैंड को टेम्पर्ड या प्राकृतिक रेत के रूप में भी
जाना जाता है, जो 18 से 30 प्रतिशत मिट्टी के साथ
सिलिका रेत का तैयार मिश्रण है, जिसमें 6 से 8% तक नमी होती है। मिट्टी और पानी ग्रीन सैंड के लिए बंध
बनाने में मदद करती है। यह परिस्कृत, मुलायम, हल्का और झरझरा (poros)किस्म की सैंड है। जब हाथ में निचोड़ा जाता है तो ग्रीन सैंड की रेत नम होती है, और इसे दबाव देने पर यह दिए गए आकार और छाप को बरकरार रखता
है। इस रेत द्वारा तैयार किए गए मोल्ड को बैकिंग की आवश्यकता नहीं होती है । यह
रेत आसानी से उपलब्ध है और इसमें कम लागत आती है। यह आमतौर पर लौह और अलौह
कास्टिंग के उत्पादन के लिए उपयोग की जाती है।
Dry
Sand
ग्रीन सैंड जिसे कोर बनाने के बाद उपयुक्त ओवन में सुखाया या बेक किया गया हो, सूखी रेत (dry sand)कहलाती है। इसमें अधिक ताकत, कठोरता और थर्मल स्थिरता होती है। यह मुख्य रूप से बड़ी कास्टिंग के लिए उपयुक्त है। इस रेत में तैयार किए गए सांचे को सूखे रेत के सांचे के रूप में जाना जाता है।
Loam
sand
लोम सैंड क्ले और सैंड का पानी में मिश्रण है। लोम सैंड में 30-50% और 18% पानी के साथ उच्च मात्रा क्ले में होती है। पैटर्न का इस्तेमाल लोम
मोल्डिंग के लिए नहीं किया जाता है और स्वीप द्वारा मोल्ड को आकार दिया जाता है।
यह विशेष रूप से बड़े ग्रे आयरन कास्टिंग के लिए इस्तेमाल होने वाले लोम मोल्डिंग
के लिए नियोजित सैंड है।
Facing
sand
फेसिंग सैंड मोल्ड के फेस का निर्माण करती है। यह पैटर्न की सतह के ठीक बाद में बिछाई जाती है।और मोल्ड पिघल जाने पर यह
पिघली हुई धातु से संपर्क में आता है। पैटर्न के आसपास यह प्रारंभिक कोटिंग है और
इसलिए मोल्ड सतह का निर्माण फेसिंग सैंड से किया जाता है।
फेसिंग सैंड का प्रयोग उच्च ताप पर भी प्रयोग की जा सकती है क्युकी इसमें उच्च ताप प्रतिरोधकता होती है।यह सिलिका और क्ले से बानी होती है, और इसमे पहले से प्रयोग की गयी सैंड का प्रयोग नहीं किया जाता है।cast आयरन की कास्टिंग के लिए प्रयोग की जाने वाली ग्रीन सैंड में 25% फ्रेश और अच्छे से बनाई गई सैंड में कुछ मात्रा में कोल् डस्ट को मिला कर प्रयोग किया जाता है। फेसिंग सैंड की सतह की मोटाई 22-28mm तक राखी जाती है ।
Backing sand
बैकिंग रेत या फ्लोर रेत का उपयोग फेसिंग सैंड का बैकअप
लेने के लिए किया जाता है और मोल्डिंग फ्लास्क की पूरी मात्रा को भरने के लिए
उपयोग किया जाता है। बैकिंग सैंड के रूप में पहले से प्रयुक्त मोल्डिंग सैंड का
प्रयोग किया जा सकता है। बैकिंग सैंड को कभी-कभी ब्लैक सैंड भी कहा जाता है
क्योंकि बार बार प्रयोग की जाने वाली सैंड काली हो जाती है और कुछ मात्रा में
प्रयुक्त कोल् डस्ट इस सैंड को काला रंग प्रदान करती है।
Parting sand
बिना बाइंडर और नमी के पार्टिंग सैंड का प्रयोग
ग्रीन सैंड को पैटर्न से चिपकने से रोकता
है,और छोपे और ड्रैग को आसानी से अलग कर देता है।यह क्लीन क्ले मुक्त सैंड
है ।
Core sand
कोर रेत का उपयोग कोर बनाने के लिए किया जाता है और इसे
कभी-कभी तेल रेत के रूप में भी जाना जाता है। यह अत्यधिक समृद्ध सिलिका सैंड है जो
तेल बाइंडर के साथ मिश्रित होती है जैसे कि कोर ऑयल, जो अलसी के तेल, राल, हल्के खनिज तेल और अन्य
बाँध सामग्री से बना होता है।
Synthetic sand
सिंथेटिक सैंड का
निर्माण क्ले मुक्त सैंड से किया जाता है जिसमे एक निश्चित प्रकार की सैंड, बाइंडर, और पानी मिलाया
जाता है।
लाभ
1. मरम्मत की लगत
काम आती है।
2.नमी की मात्रा
काम होती है।
3. मॉस प्रोडक्शन
में आसानी से प्रयोग किया जा सकती है।
4. कार्य के लिया
अधिक कुशलता की जरुरत नहीं पड़ती है।
ग्रेन का आकार
सैंड के गुणों को बहुत प्रभावित करता है।
फॉउंडरी सैंड
ग्रेन को चार भागो में बाटा जाता है।
1. गोल सैंड ग्रेन Rounded sand grain
2. उप कोणीय रेत का
दाना Sub angular sand grain
3. कोणीय रेत का
दाना Angular sand grain
4. मिश्रित (Compoud) सैंड ग्रेन
Properties of molding sand
मोल्डिंग सैंड
में निम्न गुण होने चाहिए ।
1.
Flowability
2.
Green strength
3.
Dry strength
4.
Hot strength
5.
Permeability
6.
Refractoriness
7.
Adhesiveness
8.
Collapsibility
9.
Fineness
1.
सैंड को अलग अलग मोल्डिंग प्रोसेस में प्रयोग किया जाने वाला होना चाहिए।
2.
Flowability मोल्डिंग सैंड का वह गुण है जिसकी वजह से सैंड
सामान घनत्त्व में वितरित होती है।
3.
इस गुण के कारण सैंड
आसानी से पैटर्न के चारो तरफ फ़ैल कर पैटर्न को पूरी तरह से ढक लेती है ।
4.
Flowability क्ले और पानी की
मात्रा के बढ़ने के साथ साथ बढती जाती है।
Green strength
1.
यह सैंड की नमी अवस्था
में स्ट्रेंथ है ।
2.
मोल्ड की ग्रीन स्ट्रेंथ ज्यादा होने पर वह अपने आकार में रहता है।
3.
ग्रीन स्ट्रेंथ के कारण
मोल्ड को एक स्थान से दूसरे स्थान पर आसानी से विस्थापित किया जा सकता है।
1.
यह सूखी स्थिति में मोल्डिंग रेत की ताकत है।
2.
एक साँचा या तो जानबूझकर सुखाया जा सकता है, त्वचा को सुखाया जा सकता
है या सांचा उसकी नमी को पिघली हुई धातु के संपर्क में आने पर ग्रीन सैंड अपनी नमी
को खो देता है।
3.
सैंड सूखने के बाद पिघली
धातु के कटाव बल को सहन कर सकती है और साथ ही पिघली धातु के द्वारा लगाए जा रहे बल
को भी सहन कर सकती है।
4. ड्राई सैंड स्ट्रेंथ सैंड के कणो के आकर, बाइंडर और पानी की मात्रा पर निर्भर करता है।
Hot strength
1.
यह सैंड की 212°C ताप के ऊपर
स्ट्रेंथ है।
2.
हॉट स्ट्रेंथ में कमी होने पर mold में निम्न
परिवर्तन हो सकते है।
1. आकर में वृधि
2.टूट सकता है या फिर कटाव हो सकता है।
3. क्रैक हो सकता है।
जब पिघली हुई
धातु को मोल्ड में डाला जाता है तो वह मोल्डिंग सैंड और कोर का संपर्क में आती है, जिससे मोल्डिंग
सैंड और कोर में उपस्थित नमी,बाइंडर आदि
वाष्पीकृत होते है।
परिणाम स्वरुप
बहुत अधिक मात्रा में गैस उत्पन्न होती है जो मोल्डिंग सैंड या कोर सैंड के कणो के
बीच अंतराल से होकर बाहर निकलती है।सैंड के इस गुण को permeability कहते है।
जिस सैंड के कण गोल होते है उनकी परमाबिलिटी अच्छी होती है।
Refractoriness
यह मोल्डिंग संदका वह गुण है जिससे मोल्डिंग सैंड उच्च ताप को भी सह सकता है और सैंड में किसी प्रकार का विलय,चटकन ,आकर में परिवर्तन या छती नहीं होती है।
Core sand
कोर मोल्ड में
बना हुआ प्रछेपन (projection) है।जिसका
निर्माण कोर सैंड से किया जाता है।कोर का निर्माण मोल्ड से अलग किया जाता है,फिर इससे अलग से
पकाया जाता है।
1.कोर सैंड की
ग्रीन स्ट्रेंथ अच्छी होती है।
2.कोर सैंड की
ड्राई स्ट्रेंथ और कठोरता अच्छी होती है।
3.पर्याप्त पोरस
होती है ताकि उत्त्पन गैस आसानी से बाहर निकल सके।
4.उच्च ताप सहन करने की छमता होती है।
Core sand ingredients
1.
Granular
refractories
2.
Core binder
3.
Water
4. Special additives
Granular refractories
1.Clean,pure,dry silica sand
2.Zircon
3.Olivin
4.Carbon
5.Chamotte
Core binder
1.Core oil
2.Cereal Binder
3.Water soluble binder
4.Wood product binder
Selection of core material
1.कोर के प्रकार
और आकर के आधार पर।
2.धातु की प्रकति
के आधार पर
3.कोर की आवश्यक
प्रकति के आधार पर
4.कोर सतह की
परिस्कृति के आधार पर ।
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